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जसोल मां के दरबार में श्रद्धालुओं ने नवाया शीश:दर्शन कर की खुशहाली की कामना, झूमते गाते पहुंचे भक्त

श्रावण की त्रयोदशी, जसोल मां का दरबार और मन्दिर में हजारों श्रद्धालुओं के जयकारों की गूंज ने समूचे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। सोमवार को जसोलधाम में प्रभात वेला से शुरू हुआ दर्शनों का सिलसिला संध्या आरती तक अनवरत जारी रहा। मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन कर खुशहाली की कामना की। त्रयोदशी पर्व पर माजीसा के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

त्रयोदशी पर पैदल जातरुओं के जत्थे हाथों में ध्वज पताकाएं लिए ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते जसोल धाम पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा अर्चना की और त्रयोदशी के अवसर पर कई नव विवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखद दांपत्य जीवन की कामना को लेकर मां के दरबार में जात लगाई।

हजारो श्रद्धालुओं ने संस्थान की साइट पर किए दर्शन
राणी भटियाणी मंदिर संस्थान की ओर से अपने सोशल साइट्स वेबसाइट फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब के जरिए त्रयोदशी को होने वाली विशेष आरती का प्रसारण किया जा रहा है। माजीसा के सैकड़ों भक्त घर बैठे आरती का लाभ ले रहे हैं। हजारों की संख्या में माता के भक्त आरती के समय जुड़कर माता की मंगल आराधना करते नजर आ रहे हैं।

झूमते-गाते संघ के साथ जसोलधाम पहुंचे श्रद्धालु
त्रयोदशी को जसोल माँ के दर्शन के लिए बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालोर, पाली जैसलमेर सहित अन्य जिलों से लंबी दूरी तय कर पैदल जत्थों के रूप में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। डीजे पर माजीसा के भजनों पर झूमते नाचते श्रद्धालु माजीसा की भक्ति में रंगे नजर आए। मंदिर पहुंचते ही माजीसा की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होकर शीश नवाया और खुशहाली की कामना की।