शिक्षा व खेलकूद की प्रतिभाओं को आगे लाने, उनके संसाधनों की पूर्ति करेगा जसोलधाम- कर्नल शम्भूसिंह देवड़ा

सुंदरा व रोहिडी सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्यालयों में 6 रेसिंग साईकिल भेंट

जसोल। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन सीमावर्ती क्षेत्र के विद्यालयों में कोई परिवर्तन या कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिल रहा। आज भी वंचित परिस्थितियों में विद्यार्थी सुविधाओं के मोहताज है। सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्यार्थी देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए प्रयत्नशील है, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते कहीं न कहीं सपने टूट जाते है। ये बात कुंवर हरिश्चंद्रसिंह जसोल ने सीमावर्ती क्षेत्र के सुदूर धरातलीय धोरों में आई सुंदरा व रोहिड़ी ग्राम पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मेजर ध्यानचंद जयंती व खेल दिवस पर रेसिंग साईकिल भेंट कार्यक्रम के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि जसाई मिल्ट्री स्टेशन सैन्य अधिकारियों के आह्वान पर राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान (जसोलधाम) अब उन सीमावर्ती वंचित क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षा व खेलकूद की प्रतिभाओं को आगे लाने व उनके संसाधनों की पूर्ति कर रहा है। जिससे विद्यार्थियों के सपनो को संबल मिल सके। और वे अपने क्षेत्र को गौरवान्वित कर सके। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद पहली बार गत वर्ष इन दोनों विद्यालयों में बारह खिलाड़ी राज्य स्तर पर साईकिल रेसिंग में चयनित हुए थे। लेकिन संसाधनों की कमी के चलते अपनी प्रतिभा का अच्छे रूप में प्रदर्शन नही कर पाए। इस बार संसाधनों की कमी से उन्हें निराशा हाथ नहीं लगेगी।

उन्होंने कहा कि मंदिर संस्थान ने जसाई मिल्ट्री स्टेशन के आह्वान पर जो पिछले दिनों सीमावर्ती क्षेत्रों के वंचित विद्यालयों लिए पहल शुरू की है, उसी के अंतर्गत आज रोहिड़ी व सुंदरा स्कूल में 6 रेसिंग साईकिल वितरित की गई। जिससे निरन्तर अभ्यास कर प्रतिभाएं आगे बढ़ सकती है। जसाई मिल्ट्री स्टेशन की ओर से संबोधित करते हुए कहा गया कि हम विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करें एवं उन्हें अच्छे संस्कार दें ताकि वे प्रगति करके देश के नवनिर्माण में भागीदार बने एवं देश की जड़े मजबूत करें।

जसोलधाम संस्थान सदस्य कर्नल शम्भु सिंह देवड़ा ने कहा कि अब इस कड़ी में राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान जसोलधाम सुदूर सीमावर्ती क्षेत्र की ढाणियों से आने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के खेलकूद सुविधाओं में विस्तार को एक नया कदम देने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन गांव स्तर पर भी आयोजित होने चाहिए। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बालिका शिक्षा के संदेश को भी घर-घर तक पहुंचाया जाए ताकि कोई भी लड़की पढ़ाई व खेलकूद से वंचित न रहे और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सके। साथ ही बताया कि संस्थान द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न कार्य जिसमें आजादी के दोनों पर्वों पर मिष्ठान वितरण, विधुत से वंचित विधालयों में विधुत कनेक्शन, भवन निर्माण, टीन शेड, पर्यावरण सरंक्षण हेतु पेड़-पौधे लगाना, नन्हे मुन्ने बच्चों को खिलौने, शीतल पेयजल हेतु वाटर कूलर इत्यादि किए जा रहे है।

अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) जेतमालसिंह राठौड़ ने कहा कि राणी भटियाणी मंदिर संस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए राज्य स्तर पर भामाशाह पुरस्कार से नवाजा जाएगा। यह पुरस्कार संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल को 11 सितंबर को जयपुर में दिया जाएगा। यह किसी संस्था को मिलने वाला पहला पुरस्कार होगा। जो लगातार शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक सरोकारों में अपने आपको कृत संकल्प मानते हुए कार्य कर रही है। जिससे मारवाड़ का क्षेत्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
इस दौरान सुन्दरा सरपंच प्रतिनिधि श्यामसिंह, विरमसिंह जयसिंधर, तनेराजसिंह खुहड़ी, जितेंद्रसिंह डंडाली, जोगसिंह असाड़ा, प्रधानाचार्य अपरबलसिंह, रिड़मलराम, समाजसेवी भोमसिंह, जेठमालसिंह सुंदरा, स्वरूपसिंह भाचभर, जसाई मिल्ट्री स्टेशन सैन्य अधिकारी व जवानों सहित ग्रामवासीगण मौजूद रहे।