आषाढ़ माह की शुक्ल त्रयोदशी को जसोलधाम स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा। जसोलधाम में दूरदराज से पैदल यात्रियों के जत्थे आए।
हाथों में ध्वज पताका लिए ढोल नगाड़ों के साथ झूमते, नाचते, गाते माजीसा के दर्शनों को लेकर जसोल धाम मंदिर पहुंचे। अल सवेरे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों के आवागमन का सिलसिला शुरू हो गया था, जो दिन चढ़ने के साथ साथ बढ़ता ही गया, श्रद्धालुओं ने घंटों प्रतीक्षा के बाद आई बारी पर मां के दरबार में शीश झुकाते हुए परिवार व खुशहाली की कामना की।
त्रयोदशी के शुभ अवसर पर कई नवविवाहित जोड़ों ने छेड़ा बंदी बांधकर सुखी दांपत्य जीवन की कामना को लेकर मां के दरबार में जात लगाई। त्रयोदशी को ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के कपाट खुलते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां की मंगल आरती कर परिवार में खुशहाली की कामना की। माता राणी भटियाणी की प्रतिमा को नव वस्त्र व आभूषण से श्रृंगारित किया गया। मां के जानकारों से पूरे दिन मंदिर का माहौल भक्तिमय रहा।
झूमते गाते संघ के साथ पहुंचे श्रद्धालु माजीसा के दर्शन के लिए राजस्थान व गुजरात के कई हिस्सों से लंबी दूरी तय कर पैदल जत्थों के रूप में मंदिर पहुंचे। डीजे साउंड पर माजीसा के भजनों पर झूमते नाचते श्रदालु माजीसा की भक्ति में रंगे नजर आए। मंदिर पहुंचते ही माजीसा की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होकर शीश नवाया व परिवार में खुशहाली की मंगल कामना की।
ट्रस्ट के व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त
श्री राणी भटियाणी मंदिर संस्थान की ओर से दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए सुरक्षा व जल की व्यवस्था की गई। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी तथा संस्थान सुरक्षाकर्मियों की गश्त का दौर लगातार जारी रहा। इसको लेकर भक्तों ने ट्रस्ट की ओर से किए गए व्यापक बंदोबस्त कार्यों की सराहना की।