भोर की पहली किरण से ही उमड़ा भक्तों का सैलाब
त्रयोदशी के पावन दिन पर, जसोलधाम में भक्तों की भारी संख्या में उपस्थिति देखने को मिली। भोर के समय से ही मंदिर परिसर में भक्तों का आगमन शुरू हो गया था।
मोहिनी मूर्ति का विशेष महत्व
जसोल मां की मोहिनी मूर्ति को भक्तों ने विशेष सम्मान दिया। इस मूर्ति का महत्व अपने आप में ही अनूठा है, जिसे देखकर भक्तों की आस्था और भी दृढ़ होती है।
छप्पन भोग की झांकी और भोजन प्रसादी
त्रयोदशी के इस विशेष दिन पर, मंदिर परिसर में छप्पन भोग की झांकी को भी सजाया गया था। इसके अलावा, हजारों भक्तों ने भोजन प्रसादी में भाग लिया।
भक्तों की आस्था और श्रद्धा
इस विशेष दिन पर, भक्तों की आस्था और श्रद्धा को देखकर यह स्पष्ट हो गया कि जसोलधाम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक जीवंत प्रतीक है भक्तों की अनवरत आस्था और श्रद्धा का।